
बस्ती मंडल
जनपद:- सिद्धार्थ नगर( यूपी)
*मनरेगा में लूट की मची छूट. रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी जिम्मेदारों के नाक के नीचे किया जा रहा है भ्रष्टाचार*
*सचिव ने कहाँ कहीं भी नहीं चल रहा है मनरेगा कार्य जबकि शाम 5:35 बजे 57 श्रमिकों का भरा गया हाजिरी।*
*इटवा विकास खंड* अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा कार्यों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है ताजा मामला ग्राम पंचायत मधुबेनिया का है जहाँ ग्राम पंचायत में 01आई डी चल रहा है जिसमें 57 श्रमिकों का मास्टर रोल जारी है।
आई डी सं0 3151…2073/ IC/9584…6720 मासूक के खेत से परासी नाले तक नाला खुदाई कार्य चल रहा है, उपरोक्त आई डी पर कच्चा वर्क चल रहा है कार्य में 57 श्रमिकों का मास्टर भी रोल भरा जा रहा है
*यहाँ मनरेगा श्रमिकों के हाजिरी में जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है*
जबकि ग्राम पंचायत मधुबेनिया में दोपहर 02:30 बजे से शाम 04:40 बजे तक न्यूज टीम की पड़ताल में कोई कार्य होते हुए नहीं पाया गया,02 घंटे से भी अधिक समय न्यूज़ टीम ग्राम पंचायत में ही रही उपरोक्त परियोजना/ कार्य स्थल पर कहीं कोई श्रमिक कार्य करते हुए नहीं मिले यहाँ पूर्व में नाला खुदाई कार्य हुआ है स्थानीय लोगों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में इस समय 57 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है हमारे ग्राम पंचायत मधुबेनिया में श्रमिकों की उपस्थिति में जमकर फर्जीवाड़ा किया जाता है।
ग्राम पंचायत मधुबेनिया में 237 ×57 = *13509( तेरह हजार पांच सौ नौ )रूपये सरकारी धन का यहाँ 01 ग्राम पंचायत में 01 दिन में दुरूपयोग किया जा रहा धन है ,स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि एक बार में 07 दिन से लेकर 14 दिन तक का मास्टर रोल निकाले जाने का प्राविधान है इस तरह से 237×57×14 =189126 *(एक लाख नवासी हजार एक सौ छब्बीस)रुपये* दुरूपयोग किये जाने की सम्भावना केवल एक बार जारी मास्टर रोल में व्यक्त किया जा रहा है।
*ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है, आखिर किस के इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत मधुबेनिया सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार की कलाई परतदार परत खुलकर सामने आने लगेगी*
जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है ग्राम पंचायतों में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एम. बी .कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भिजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 500 से 600 रूपये पकड़ा दिया जाता है।
👉सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर कार्य शुरू होने, समाप्त होने ,मानव सृजित दिवस,व परियोजना पर ब्यय किये गए धन, ही कहीं आंकिक नहीं है साइन बोर्ड पर ,जिससे यह नहीं पता हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिको को कितना रुपया का भुगतान हुआ,इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है
*मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार के जिम्मेदार इसमें रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एन.एम.एम एस. द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एम. बी .कर देते हैं और प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है*
*मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े हैं बहुत गहरी व मजबूत मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है*
स्थानीय लोगों ने जांच कर
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया
*अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी अमित कुमार को फोन करने पर उनका मोबाइल स्वीच आफ बताया बताया। ग्राम पंचायत सचिव विजय कुमार ने बताया कि इस समय कहीं कोई भी कच्चा वर्क/ मनरेगा नहीं चल रहा है ,इंटरलॉकिंग के लिए 01 ट्राली ईंट मंगाया गया है मगर 60-40 का रेसियो नहीं पूरा है इसलिए इंटरलॉकिंग भी बन्द है।*
*इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए ज्यादा जानकारी के लिए डी सी मनरेगा सन्दीप सिंह जी को फोन करने पर डी सी मनरेगा ने बताया कि हम आपके द्वारा बताये गये ग्राम पंचायत का जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।*
👉यक्ष प्रश्न *भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है.देश की जन्ता के पैसों पर अपनी शौक पूरा करने वाले काले बिषधर की तरह उस धन पर कुण्डली मारकर बैठने वाले जो भ्रष्टाचार की भट्टी पर अपनी- अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वो सभी सलाखों के पीछे कब जायेंगे?*